Woh Kagaz Ki Kashti (Part 2) Songtext
von Jagjit Singh
Woh Kagaz Ki Kashti (Part 2) Songtext
कभी रेत की ऊँची टीलों पे जाना
घरौंदे बनाना, बनाकर मिटाना
वो मासूम चाहत की तस्वीर अपनी
वो ख़्वाबों, खिलौनों की जागीर अपनी
ना दुनिया का ग़म था, ना रिश्तों के बंधन
ना दुनिया का ग़म था, ना रिश्तों के बंधन
बड़ी ख़ूबसूरत थी वो ज़िंदगानी
बड़ी ख़ूबसूरत थी वो ज़िंदगानी
बड़ी ख़ूबसूरत थी वो ज़िंदगानी
बड़ी ख़ूबसूरत थी वो ज़िंदगानी
घरौंदे बनाना, बनाकर मिटाना
वो मासूम चाहत की तस्वीर अपनी
वो ख़्वाबों, खिलौनों की जागीर अपनी
ना दुनिया का ग़म था, ना रिश्तों के बंधन
ना दुनिया का ग़म था, ना रिश्तों के बंधन
बड़ी ख़ूबसूरत थी वो ज़िंदगानी
बड़ी ख़ूबसूरत थी वो ज़िंदगानी
बड़ी ख़ूबसूरत थी वो ज़िंदगानी
बड़ी ख़ूबसूरत थी वो ज़िंदगानी
Writer(s): Sudarshan Fakir Lyrics powered by www.musixmatch.com