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Zindagi Zulm Sahi Songtext
von Suman Kalyanpur

Zindagi Zulm Sahi Songtext

ज़िंदगी ज़ुल्म सही, जब्र सही, ग़म ही सही
दिल की फ़रियाद सही, रूह का मातम ही सही
ज़िंदगी ज़ुल्म सही

हमने हर हाल में जीने की क़सम खाई है
अब यही हाल मुक़द्दर है तो शिकवा क्यूँ हो
हम सलीक़े से निभा देंगे जो दिन बाक़ी है
चाह रुसवा ना हुई, दर्द भी रुसवा क्यूँ हो


ज़िंदगी ज़ुल्म सही, जब्र सही, ग़म ही सही
दिल की फ़रियाद सही, रूह का मातम ही सही
ज़िंदगी ज़ुल्म सही

हमको तक़दीर से बेवजह शिकायत क्यूँ हो
इसी तक़दीर ने चाहत की ख़ुशी भी दी थी
आज अगर काँपती पलकों को दिए हैं आँसू
कल थिरकते हुए होंठों को हँसी भी दी थी

जिंदगी जुल्म सही

हम हैं मायूस, मगर इतने भी मायूस नहीं
एक ना एक दिन तो ये अश्कों की लड़ी टूटेगी
एक ना एक दिन तो छटेंगे ये ग़मों के बादल
एक ना एक दिन तो उजाले की किरण फूटेगी


ज़िंदगी ज़ुल्म सही, जब्र सही, ग़म ही सही

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