Songtexte.com Drucklogo

Dekha Ek Khwab Songtext
von Shiv-Hari

Dekha Ek Khwab Songtext

देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए
ये गिला है आपकी निगाहों से
फूल भी हो दरमियां तो फासले हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए


मेरी साँसों में बसी खुशबू तेरी, ये तेरे प्यार की है जादूगरी
तेरी आवाज़ है हवाओं में, प्यार का रंग है फ़िज़ाओं में
धड़कनों में तेरे गीत हैं मिले हुए
क्या कहूँ की शर्म से हैं लब सिले हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
फूल भी हो दरमियां तो फासले हुए

मेरा दिल है तेरी पनाहों में, आ छुपा लूँ तुझे मैं बाहों में
तेरी तस्वीर है निगाहों में, दूर तक रौशनी है राहों में
कल अगर ना रौशनी के काफिले हुए, प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए
ये गिला है आपकी निगाहों से
फूल भी हो दरमियां तो फासले हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए

Songtext kommentieren

Log dich ein um einen Eintrag zu schreiben.
Schreibe den ersten Kommentar!

Beliebte Songtexte
von Shiv-Hari

Quiz
Welcher Song kommt von Passenger?

Fans

»Dekha Ek Khwab« gefällt bisher niemandem.