Taare Zameen Par Songtext
von Shankar Mahadevan, Dominique & Vivienne Pocha
Taare Zameen Par Songtext
देखो इन्हें यह हैं ओस की बूंदें
पत्तो की गॉड में आसमान से खुदे
अंगड़ाई ले फिर करवट बदल कर
नज़ाउक से मोती हसदे फिलहाल कर
खो न जाए, तारे ज़मीन पर
यह तो है सर्दी में धुप की किरणे
उतरे जो आँगन को सुनहरा सा करने
मन के अंधेरो को रोशन सा करदे
ठिठुरती हथेली की रंगत बदल दे
खो न जाए ये, तारे ज़मीन पर
जैसे आँखों की डिबिया में निंदिया
और निंदिया में मीठा सा सपना
और सपने में मिल जाए फरिश्ता सा कोई
जैसे रंगों भरी पिचकारी
जैसे तितलियाँ फूलों की क्यारी
जैसे बिना मतलब का प्यारा रिश्ता हो कोई
यह तो आशा की लहर हैं
यह तो उम्मीद की सेहर हैं
खुशियों की नहर हैं
खो न जाए ये तारे ज़मीन पर
देखो रातों के सीने पे यह तोह
झिलमिल किसी लौ से उगे हैं
यह तो अम्बिया की खुशबू हैं
बागों से बह चले
जैसे कांच के चूड़ी के टुकड़े
जैसे खिले खिले फूलों के मुखड़े
जैसे बंसी कोई बजाये पेड़ों के थाले
यह तो झोंके
हैं पवन के
हैं यह घुँघरू जीवन के
यह तो सुर हैं चमन के
खो न जाएँ ये, तारे ज़मीन पर
मोहल्ले की रौनक गलियां हैं जैसे
खिलने की ज़िद पर कलियाँ हैं जैसे
मुट्ठी में मौसम की जैसे हवाएं
यह हैं बुज़ुर्गों के दिल की दुआएं
खो न जाएँ ये, तारे ज़मीन पर
(कभी बातें जैसे दादी नानी
कभी छलकें जैसे मां मां पानी
कभी बन जाए भोले सवालों की झाड़)(खो न जाएँ ये)
(सन्नाते में हंसी के जैसे
सूने होठों पे ख़ुशी के जैसे
यह तो नूर हैं बरसे गर तेरी किस्मत हो बड़ी)
खो न जाएँ ये
(जैसे झरने में लहराए चिड़ियाँ
जैसे भीड़ में अपने का कन्धा
जैसे मनमौजी नदिया
झाग उड़ाए कुछ कहे
जैसे बैठे बैठे मीठी सी झपकी
जैसे प्यार की धीमी सी थपकी
जैसे कानों में सरगम
हरदम बजती ही रहे
जैसे बरखा उड़ाती है बुंदिया)
खो न जाए ये
खो न जाए ये
खो न जाए ये
खो न जाए ये
खो न जाए ये
खो न जाए ये
पत्तो की गॉड में आसमान से खुदे
अंगड़ाई ले फिर करवट बदल कर
नज़ाउक से मोती हसदे फिलहाल कर
खो न जाए, तारे ज़मीन पर
यह तो है सर्दी में धुप की किरणे
उतरे जो आँगन को सुनहरा सा करने
मन के अंधेरो को रोशन सा करदे
ठिठुरती हथेली की रंगत बदल दे
खो न जाए ये, तारे ज़मीन पर
जैसे आँखों की डिबिया में निंदिया
और निंदिया में मीठा सा सपना
और सपने में मिल जाए फरिश्ता सा कोई
जैसे रंगों भरी पिचकारी
जैसे तितलियाँ फूलों की क्यारी
जैसे बिना मतलब का प्यारा रिश्ता हो कोई
यह तो आशा की लहर हैं
यह तो उम्मीद की सेहर हैं
खुशियों की नहर हैं
खो न जाए ये तारे ज़मीन पर
देखो रातों के सीने पे यह तोह
झिलमिल किसी लौ से उगे हैं
यह तो अम्बिया की खुशबू हैं
बागों से बह चले
जैसे कांच के चूड़ी के टुकड़े
जैसे खिले खिले फूलों के मुखड़े
जैसे बंसी कोई बजाये पेड़ों के थाले
यह तो झोंके
हैं पवन के
हैं यह घुँघरू जीवन के
यह तो सुर हैं चमन के
खो न जाएँ ये, तारे ज़मीन पर
मोहल्ले की रौनक गलियां हैं जैसे
खिलने की ज़िद पर कलियाँ हैं जैसे
मुट्ठी में मौसम की जैसे हवाएं
यह हैं बुज़ुर्गों के दिल की दुआएं
खो न जाएँ ये, तारे ज़मीन पर
(कभी बातें जैसे दादी नानी
कभी छलकें जैसे मां मां पानी
कभी बन जाए भोले सवालों की झाड़)(खो न जाएँ ये)
(सन्नाते में हंसी के जैसे
सूने होठों पे ख़ुशी के जैसे
यह तो नूर हैं बरसे गर तेरी किस्मत हो बड़ी)
खो न जाएँ ये
(जैसे झरने में लहराए चिड़ियाँ
जैसे भीड़ में अपने का कन्धा
जैसे मनमौजी नदिया
झाग उड़ाए कुछ कहे
जैसे बैठे बैठे मीठी सी झपकी
जैसे प्यार की धीमी सी थपकी
जैसे कानों में सरगम
हरदम बजती ही रहे
जैसे बरखा उड़ाती है बुंदिया)
खो न जाए ये
खो न जाए ये
खो न जाए ये
खो न जाए ये
खो न जाए ये
खो न जाए ये
Writer(s): Prasoon Joshi, Ehsaan Loy Shankar Lyrics powered by www.musixmatch.com