Pratham Dhar Dhyan Raag Mala Songtext
von Khaiyyaam
Pratham Dhar Dhyan Raag Mala Songtext
जिन्दगी जब भी तेरी बज़्म में लाती हैं हमे
ये ज़मीं चाँद से बेहतर नजर आती हैं हमे
सुर्ख फूलों से महक उठती हैं दिल की राहें
दिन ढले यूँ तेरी आवाज बुलाती हैं हमे
याद तेरी कभी दस्तक, कभी सरगोशी से
रात के पिछले पहर रोज जगाती हैं हमे
हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यों हैं
अब तो हर वक़्त यही बात सताती हैं हमे
ये ज़मीं चाँद से बेहतर नजर आती हैं हमे
सुर्ख फूलों से महक उठती हैं दिल की राहें
दिन ढले यूँ तेरी आवाज बुलाती हैं हमे
याद तेरी कभी दस्तक, कभी सरगोशी से
रात के पिछले पहर रोज जगाती हैं हमे
हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यों हैं
अब तो हर वक़्त यही बात सताती हैं हमे
Writer(s): shahryar, khayyam Lyrics powered by www.musixmatch.com