Yeh Na Thi Hamari Qismat Songtext
von Chitra Singh
Yeh Na Thi Hamari Qismat Songtext
तेरे वादे पर जिए हम, तो ये जान झूठ जाना
तेरे वादे पर जिए हम, तो ये जान झूठ जाना
कि ख़ुशी से मर ना जाते, अगर एतबार होता
ये ना थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता
ये ना थी हमारी क़िस्मत...
ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह
ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह
कोई चारासाज़ होता, कोई ग़म-गुसार होता
ये ना थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता
ये ना थी हमारी क़िस्मत...
कहूँ किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है
कहूँ किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है
मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता
ये ना थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता
ये ना थी हमारी क़िस्मत...
तेरे वादे पर जिए हम, तो ये जान झूठ जाना
कि ख़ुशी से मर ना जाते, अगर एतबार होता
ये ना थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता
ये ना थी हमारी क़िस्मत...
ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह
ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह
कोई चारासाज़ होता, कोई ग़म-गुसार होता
ये ना थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता
ये ना थी हमारी क़िस्मत...
कहूँ किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है
कहूँ किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है
मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता
ये ना थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता
ये ना थी हमारी क़िस्मत...
Writer(s): Mirza Ghalib, Jagjit Singh Lyrics powered by www.musixmatch.com