Mohabbat Kitne Rang Badalti Hai Songtext
von Anuradha Paudwal
Mohabbat Kitne Rang Badalti Hai Songtext
सूरज, चाँद, सितारे सबका एक रंग, एक ढंग
जान सका ना कोई कितने होते हैं प्यार के रंग
फूलों पे कभी, काँटों पे कभी
शोलों पे कभी ये चलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
फूलों पे कभी, काँटों पे कभी
शोलों पे कभी ये चलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
कितने रंग बदलती है
कितने रंग बदलती है
कभी तो नफ़रत में जाहिल हो
कभी चाहत पे उतर आएँ
दुआ को हाथ उठे तो आसमानों तक असर जाए
संगदिल कभी बन जाएँ
कभी मोम के जैसी पिघलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
फूलों पे कभी, काँटों पे कभी
शोलों पे कभी ये चलती है
अगर हद से गुज़र जाए तो
ये बन जाती है पागलपन
कि अपने यार का भर देती है दागों से ये दामन
नज़र से गिरी अगर ये कभी
सम्भाले कब संभलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
फूलों पे कभी, काँटों पे कभी
शोलों पे कभी ये चलती है
भले रोया करे ये दिल, नज़र ये मोड़ लेती है
ख़ता कुछ भी ना हो फिर भी
ये रिश्ता तोड़ लेती है
गुजरती है ये इम्तिहान से
मगर ना दिल से निकलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
फूलों पे कभी, काँटों पे कभी
शोलों पे कभी ये चलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
कितने रंग बदलती है
कितने रंग बदलती है
जान सका ना कोई कितने होते हैं प्यार के रंग
फूलों पे कभी, काँटों पे कभी
शोलों पे कभी ये चलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
फूलों पे कभी, काँटों पे कभी
शोलों पे कभी ये चलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
कितने रंग बदलती है
कितने रंग बदलती है
कभी तो नफ़रत में जाहिल हो
कभी चाहत पे उतर आएँ
दुआ को हाथ उठे तो आसमानों तक असर जाए
संगदिल कभी बन जाएँ
कभी मोम के जैसी पिघलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
फूलों पे कभी, काँटों पे कभी
शोलों पे कभी ये चलती है
अगर हद से गुज़र जाए तो
ये बन जाती है पागलपन
कि अपने यार का भर देती है दागों से ये दामन
नज़र से गिरी अगर ये कभी
सम्भाले कब संभलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
फूलों पे कभी, काँटों पे कभी
शोलों पे कभी ये चलती है
भले रोया करे ये दिल, नज़र ये मोड़ लेती है
ख़ता कुछ भी ना हो फिर भी
ये रिश्ता तोड़ लेती है
गुजरती है ये इम्तिहान से
मगर ना दिल से निकलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
फूलों पे कभी, काँटों पे कभी
शोलों पे कभी ये चलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत कितने रंग बदलती है
कितने रंग बदलती है
कितने रंग बदलती है
Writer(s): Indeevar Lyrics powered by www.musixmatch.com