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Bezubaan Songtext
von Anupam Roy

Bezubaan Songtext

किस लम्हें ने थामी ऊँगली मेरी
फुसला के मुझको ले चला
नंगे पाँव दौड़ी आँखें मेरी
ख़्वाबों की सारी बस्तियां
हर दूरियां हर फासले, करीब है
इस उम्र की भी शख्सियत अजीब हैं

झीनी-झीनी इन साँसों से
पहचानी सी आवाज़ों में
गूंजा है आज आसमां, कैसे हम बेज़ुबां
इस जीने में कहीं हम भी थे
थे ज्यादा या ज़रा कम ही थे
रुक के भी चल पड़े मगर रस्ते सब बेजुबां


जीने की ये कैसी आदत लगी
बेमतलब कर्ज़े चढ़ गए
हादसों से बच के जाते कहाँ
सब रोते हँसते सह गए
अब गलतियां जो मान लीं तो ठीक है
कमजोरियों को मात दी तो ठीक है

झीनी-झीनी इन साँसों से
पहचानी सी आवाज़ों में
गूंजा है आज आसमां, कैसे हम बेज़ुबां
इस जीने में कहीं हम भी थे
थे ज्यादा या ज़रा कम ही थे
रुक के भी चल पड़े मगर रस्ते सब बेज़ुबां

बेज़ुबां
हम बन गए बेज़ुबां

झीनी-झीनी इन साँसों से
पहचानी सी आवाज़ों में
गूंजा है आज आसमां, कैसे हम बेज़ुबां
इस जीने में कहीं हम भी थे
थे ज्यादा या ज़रा कम ही थे
रुक के भी चल पड़े मगर रस्ते सब बेज़ुबां

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