Dekha Ek Khwab, Pt. 2 Songtext
von Lata Mangeshkar & Kishore Kumar
Dekha Ek Khwab, Pt. 2 Songtext
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फ़ासलें हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फ़ासलें हुए
धड़कनों में तेरे गीत हैं मिले हुए
क्या कहूँ के शर्म से है लब सिले हुए
प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फ़ासलें हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फ़ासलें हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फ़ासलें हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फ़ासलें हुए
धड़कनों में तेरे गीत हैं मिले हुए
क्या कहूँ के शर्म से है लब सिले हुए
प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फ़ासलें हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फ़ासलें हुए
Writer(s): Javed Akhtar, Hari Chaurasia, Shiv Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com