Tanha Songtext
von Amit Sana
Tanha Songtext
तनहाई, तनहाई
दिल के रास्ते में कैसी ठोकर मैंने खाई
टूटे ख़्वाब सारे, एक मायूसी है छाई
हर ख़ुशी सो गई, ज़िंदगी खो गई
तुमको जो प्यार किया मैंने तो सज़ा में पाई
तनहाई, तनहाई
मीलों है फैली हुई तनहाई
तनहाई, तनहाई
मीलों है फैली हुई तनहाई
ख़्वाब में देखा था एक आँचल मैंने अपने हाथों में
अब टूटे सपनों के शीशे चुभते हैं इन आँखों में
ख़्वाब में देखा था एक आँचल मैंने अपने हाथों में
अब टूटे सपनों के शीशे चुभते हैं इन आँखों में
कल कोई था यहीं, अब कोई भी नहीं
बनके नागिन जैसे है साँसों में लहराई
तनहाई, तनहाई
पलकों पे कितनी आँसू है लाई
तनहाई, तनहाई
पलकों पे कितनी आँसू है लाई
क्यूँ ऐसी उम्मीद की मैंने जो ऐसे ना काम हुई?
दूर बनाई थी मंज़िल तो रस्ते में ही शाम हुई
क्यूँ ऐसी उम्मीद की मैंने जो ऐसे ना काम हुई?
दूर बनाई थी मंज़िल तो रस्ते में ही शाम हुई
अब कहाँ जाऊँ मैं? किसको समझाऊँ?
क्या मैंने चाहा था और क्यूँ क़िस्मत में आई?
तनहाई, तनहाई
जैसे अँधेरों की हो गहराई
दिल के रास्ते में कैसी ठोकर मैंने खाई
टूटे ख़्वाब सारे, एक मायूसी है छाई
हर ख़ुशी सो गई, ज़िंदगी खो गई
तुमको जो प्यार किया मैंने तो सज़ा में पाई
तनहाई, तनहाई
मीलों है फैली हुई तनहाई
तनहाई, तनहाई
मीलों है फैली हुई तनहाई
तनहाई, तनहाई
तनहाई, तनहाई
दिल के रास्ते में कैसी ठोकर मैंने खाई
टूटे ख़्वाब सारे, एक मायूसी है छाई
हर ख़ुशी सो गई, ज़िंदगी खो गई
तुमको जो प्यार किया मैंने तो सज़ा में पाई
तनहाई, तनहाई
मीलों है फैली हुई तनहाई
तनहाई, तनहाई
मीलों है फैली हुई तनहाई
ख़्वाब में देखा था एक आँचल मैंने अपने हाथों में
अब टूटे सपनों के शीशे चुभते हैं इन आँखों में
ख़्वाब में देखा था एक आँचल मैंने अपने हाथों में
अब टूटे सपनों के शीशे चुभते हैं इन आँखों में
कल कोई था यहीं, अब कोई भी नहीं
बनके नागिन जैसे है साँसों में लहराई
तनहाई, तनहाई
पलकों पे कितनी आँसू है लाई
तनहाई, तनहाई
पलकों पे कितनी आँसू है लाई
क्यूँ ऐसी उम्मीद की मैंने जो ऐसे ना काम हुई?
दूर बनाई थी मंज़िल तो रस्ते में ही शाम हुई
क्यूँ ऐसी उम्मीद की मैंने जो ऐसे ना काम हुई?
दूर बनाई थी मंज़िल तो रस्ते में ही शाम हुई
अब कहाँ जाऊँ मैं? किसको समझाऊँ?
क्या मैंने चाहा था और क्यूँ क़िस्मत में आई?
तनहाई, तनहाई
जैसे अँधेरों की हो गहराई
दिल के रास्ते में कैसी ठोकर मैंने खाई
टूटे ख़्वाब सारे, एक मायूसी है छाई
हर ख़ुशी सो गई, ज़िंदगी खो गई
तुमको जो प्यार किया मैंने तो सज़ा में पाई
तनहाई, तनहाई
मीलों है फैली हुई तनहाई
तनहाई, तनहाई
मीलों है फैली हुई तनहाई
तनहाई, तनहाई
तनहाई, तनहाई
Writer(s): Javed Akhtar, Nusrat Fateh Ali Khan Lyrics powered by www.musixmatch.com