Dil Chah Raha Hai Songtext
von Vishal Dadlani, Shekhar Ravjiani, Vishal Mishra, Shilpa Rao & Kumaar
Dil Chah Raha Hai Songtext
इश्क़ थोड़ा-थोड़ा दोनों जगह
दोनों इक-दूजे के होने लगे
अब ना हल्की सी भी आए कभी दूरी (छा रहा है)
जैसे पत्ता कोई पानियों में
बहता जाए, हाँ, कहानियों में
लगती है जो शुरुआत से पूरी (किसी पे, यारा)
जैसे हवा में घुला कोई समुंदर
इसमें आज बहें
तेरी दुआ जैसा लगे है जो अंबर
इसमें उड़ते रहें
एक मैं, एक तू, एक रंग, एक रूह
बातें सब मैं ही क्यूँ कहूँ? (That all I want is you)
दिल जा रहा है या किसी पे आ रहा है?
मैं रोक लेता, पर कहाँ ये मानता है
दिल जा रहा है या किसी पे आ रहा है?
मैं रोक लेता, पर कहाँ ये मानता है
जो हुआ है उसे कोई नाम दे दो
बेकार दिल को तुम कोई काम दे दो
या कोई नाम दे दो
इश्क़ थोड़ा-थोड़ा दोनों जगह
दोनों इक-दूजे के होने लगे
अब ना हल्की सी भी आए कभी दूरी
जैसे पत्ता कोई पानियों में
बहता जाए, हाँ, कहानियों में
लगती है जो शुरुआत से पूरी
आजकल तो एक पल को
मुझे तुझसे है फ़ुर्सत कहाँ
बस तू है, रू-ब-रू है
दूर नज़रों से अब है जहाँ
एक मैं, एक तू, एक रंग, एक संग, एक रूह
एक मैं, एक तू, एक रंग, एक रूह
बातें सब मैं ही क्यूँ कहूँ? (कहूँ, कहूँ, कहूँ, कहूँ, कहूँ...)
जैसे हवा में घुला कोई समुंदर
इसमें आज बहें
तेरी दुआ जैसा लगे है जो अंबर
इसमें उड़ते रहें
एक मैं, एक तू, एक रंग, एक रूह
बातें सब मैं ही क्यूँ कहूँ? (That all I want is you)
दिल जा रहा है या किसी पे आ रहा है?
मैं रोक लेता, पर कहाँ ये मानता है
जो हुआ है उसे कोई नाम दे दो
बेकार दिल को तुम कोई काम दे दो
या कोई नाम दे दो
इसमें आज बहें
इसमें उड़ते रहें
दोनों इक-दूजे के होने लगे
अब ना हल्की सी भी आए कभी दूरी (छा रहा है)
जैसे पत्ता कोई पानियों में
बहता जाए, हाँ, कहानियों में
लगती है जो शुरुआत से पूरी (किसी पे, यारा)
जैसे हवा में घुला कोई समुंदर
इसमें आज बहें
तेरी दुआ जैसा लगे है जो अंबर
इसमें उड़ते रहें
एक मैं, एक तू, एक रंग, एक रूह
बातें सब मैं ही क्यूँ कहूँ? (That all I want is you)
दिल जा रहा है या किसी पे आ रहा है?
मैं रोक लेता, पर कहाँ ये मानता है
दिल जा रहा है या किसी पे आ रहा है?
मैं रोक लेता, पर कहाँ ये मानता है
जो हुआ है उसे कोई नाम दे दो
बेकार दिल को तुम कोई काम दे दो
या कोई नाम दे दो
इश्क़ थोड़ा-थोड़ा दोनों जगह
दोनों इक-दूजे के होने लगे
अब ना हल्की सी भी आए कभी दूरी
जैसे पत्ता कोई पानियों में
बहता जाए, हाँ, कहानियों में
लगती है जो शुरुआत से पूरी
आजकल तो एक पल को
मुझे तुझसे है फ़ुर्सत कहाँ
बस तू है, रू-ब-रू है
दूर नज़रों से अब है जहाँ
एक मैं, एक तू, एक रंग, एक संग, एक रूह
एक मैं, एक तू, एक रंग, एक रूह
बातें सब मैं ही क्यूँ कहूँ? (कहूँ, कहूँ, कहूँ, कहूँ, कहूँ...)
जैसे हवा में घुला कोई समुंदर
इसमें आज बहें
तेरी दुआ जैसा लगे है जो अंबर
इसमें उड़ते रहें
एक मैं, एक तू, एक रंग, एक रूह
बातें सब मैं ही क्यूँ कहूँ? (That all I want is you)
दिल जा रहा है या किसी पे आ रहा है?
मैं रोक लेता, पर कहाँ ये मानता है
जो हुआ है उसे कोई नाम दे दो
बेकार दिल को तुम कोई काम दे दो
या कोई नाम दे दो
इसमें आज बहें
इसमें उड़ते रहें
Writer(s): Shekhar, Vishal Lyrics powered by www.musixmatch.com