Khamakha Songtext
von Vishal Bhardwaj
Khamakha Songtext
हलकी-हलकी आहें भरना
तकिए में सर दे के धीमे-धीमे
सरगोशी में बातें करना
पागलपन है ऐसे तुमपे मरना
उबला-उबला क्यूँ लगता है?
ये बदन, ये जलन तो ख़ामख़ाह नहीं, ख़ामख़ाह नहीं
ये ख़लिश जो है, वो ख़ामख़ाह नहीं (वो ख़ामख़ाह नहीं, ख़ामख़ाह नहीं)
हाँ, तपिश तो है, पर ख़ामख़ाँ नहीं (ख़ामख़ाह नहीं, ख़ामख़ाह नहीं)
ये ख़लिश जो है, वो ख़ामख़ाह नहीं
हाँ, तपिश तो है, पर ख़ामख़ाह नहीं
जो नहीं किया, कर के देखना
साँस रोक के मर के देखना
ये बेवजह, बेसबब, ख़ामख़ाह नहीं
ये ख़ामख़ाह नहीं, ये ख़ामख़ाह नहीं, ये ख़ामख़ाह नहीं
सारी-सारी रात का जगना
खिड़की पे सर रख के ऊँघते रहना
उम्मीदों का जलना-बुझना
पागलपन है ऐसे तुम पे मरना
ख़ाली-ख़ाली दो आँखों में
ये नमक, ये चमक, तो ख़ामख़ाह नहीं, ख़ामख़ाह नहीं
फ़िक्र रहती है जो ख़ामख़ाह नहीं (ख़ामख़ाह नहीं)
ज़िक्र रहता है जो ख़ामख़ाह नहीं (ख़ामख़ाह नहीं)
अश्क आँखों में भर के देखना
आइना कभी डर के देखना
ये बेवजह, बेसबब, ख़ामख़ाह नहीं
दीवानगी सही, ये ख़ामख़ाह नहीं
हाँ, जुनूँ तो है पर ख़ामख़ाह नहीं (ख़ामख़ाह नहीं, ख़ामख़ाह नहीं, ख़ामख़ाह नहीं)
सदा भवानी ताही जय हो प्यारा, गौरी पुत्र गणेश
पाँच देव रक्षा करे हो प्यारा, ब्रह्मा विष्णु महेश
क़सम यो देस मेरा से, हर्या-भर्या हरियाणा
सीधे-साधे लोग अड़े के दूध-दही का खाणा
बोलो राम, राम, राम, राम, राम, राम, राम
बोलो राम, राम, राम, भाई राम, राम, राम
बोलो राम, राम, राम, भाई राम, राम, राम
बोलो राम राम राम, बोलो राम, राम, राम
तकिए में सर दे के धीमे-धीमे
सरगोशी में बातें करना
पागलपन है ऐसे तुमपे मरना
उबला-उबला क्यूँ लगता है?
ये बदन, ये जलन तो ख़ामख़ाह नहीं, ख़ामख़ाह नहीं
ये ख़लिश जो है, वो ख़ामख़ाह नहीं (वो ख़ामख़ाह नहीं, ख़ामख़ाह नहीं)
हाँ, तपिश तो है, पर ख़ामख़ाँ नहीं (ख़ामख़ाह नहीं, ख़ामख़ाह नहीं)
ये ख़लिश जो है, वो ख़ामख़ाह नहीं
हाँ, तपिश तो है, पर ख़ामख़ाह नहीं
जो नहीं किया, कर के देखना
साँस रोक के मर के देखना
ये बेवजह, बेसबब, ख़ामख़ाह नहीं
ये ख़ामख़ाह नहीं, ये ख़ामख़ाह नहीं, ये ख़ामख़ाह नहीं
सारी-सारी रात का जगना
खिड़की पे सर रख के ऊँघते रहना
उम्मीदों का जलना-बुझना
पागलपन है ऐसे तुम पे मरना
ख़ाली-ख़ाली दो आँखों में
ये नमक, ये चमक, तो ख़ामख़ाह नहीं, ख़ामख़ाह नहीं
फ़िक्र रहती है जो ख़ामख़ाह नहीं (ख़ामख़ाह नहीं)
ज़िक्र रहता है जो ख़ामख़ाह नहीं (ख़ामख़ाह नहीं)
अश्क आँखों में भर के देखना
आइना कभी डर के देखना
ये बेवजह, बेसबब, ख़ामख़ाह नहीं
दीवानगी सही, ये ख़ामख़ाह नहीं
हाँ, जुनूँ तो है पर ख़ामख़ाह नहीं (ख़ामख़ाह नहीं, ख़ामख़ाह नहीं, ख़ामख़ाह नहीं)
सदा भवानी ताही जय हो प्यारा, गौरी पुत्र गणेश
पाँच देव रक्षा करे हो प्यारा, ब्रह्मा विष्णु महेश
क़सम यो देस मेरा से, हर्या-भर्या हरियाणा
सीधे-साधे लोग अड़े के दूध-दही का खाणा
बोलो राम, राम, राम, राम, राम, राम, राम
बोलो राम, राम, राम, भाई राम, राम, राम
बोलो राम, राम, राम, भाई राम, राम, राम
बोलो राम राम राम, बोलो राम, राम, राम
Writer(s): Gulzar, Vishal Bhardwaj Lyrics powered by www.musixmatch.com

