Songtexte.com Drucklogo

Jate hue ye pal chhin Songtext
von Ravindra Jain

Jate hue ye pal chhin Songtext

जाते हुए ये पलछिन क्यूँ जीवन लिए जाते?
जाते हुए ये पलछिन क्यूँ जीवन लिए जाते?
जोड़े, यही जोड़े, यही तोड़े सब नाते
जाते हुए ये पलछिन क्यूँ जीवन लिए जाते?

मन जितना जीना चाहे, तन उतना ही मरता जाए
इंसाँ की हिमाक़त देखो उम्मीद ही करता जाए
कोई राह मंज़िल की कहीं सूझे तो बतलाए

जाते हुए ये पलछिन क्यूँ जीवन लिए जाते?


रंग और सुगंध का जादू सदियों से चलता आया
इंसान इन्हीं में डूबा, नादान यही भरमाया
अब कौन ये सोचे, क्या खोया और क्या पाया

जाते हुए ये पलछिन क्यूँ जीवन लिए जाते?

विश्वास में वास है विष का, आशा में छुपी है निराशा
शब्दों के संग ना बहना, है छल से भरी हर भाषा
इंसाँ का दिल भी पत्थर सा जाए तराशा

जाते हुए ये पलछिन क्यूँ जीवन लिए जाते?
जोड़े, यही जोड़े, यही तोड़े सब नाते
जाते हुए ये पलछिन क्यूँ जीवन लिए जाते?

क्यूँ जीवन लिए जाते?
क्यूँ जीवन लिए जाते?

Songtext kommentieren

Log dich ein um einen Eintrag zu schreiben.
Schreibe den ersten Kommentar!

Beliebte Songtexte
von Ravindra Jain

Quiz
Wer singt das Lied „Haus am See“?

Fans

»Jate hue ye pal chhin« gefällt bisher niemandem.