Khali Salam Dua Songtext
von Mohit Chauhan
Khali Salam Dua Songtext
तुमसे मिल के मैंने जाना
इश्क़ क्या, मोहब्बत क्या
भूल बैठा सब कुछ मैं तो
दिन क्या, रात क्या चाहत में
(चाहत में, चाहत में, चाहत में)
ख़ाली सलाम-दुआ मुलाक़ात में
चेहरे की रंगत बदल रही है तेरी सोहबत में
ख़ाली सलाम-दुआ मुलाक़ात में
चेहरे की रंगत बदल रही है तेरी सोहबत में
ये तूने क्या किया? ये तूने क्या किया?
डूबा मैं दिल की जन्नत में
ख़ाली सलाम-दुआ मुलाक़ात में
चेहरे की रंगत बदल रही है तेरी सोहबत में
जो ख़ालीपन था, जो सूना मन था
वो खिल उठा है, जाने ख़ुदा
बदल रहा है हर एक मौसम
बेचैन दिल का, जाने ख़ुदा
जाने ख़ुदा, जाने ख़ुदा
तुमसे मिल के मैंने जाना
जोश क्या, जुनूँ है क्या
भूल बैठा सब कुछ मैं तो
चैन क्या, सुकूँ है क्या चाहत में
(चाहत में, चाहत में, चाहत में)
ख़ाली सलाम-दुआ मुलाक़ात में
चेहरे की रंगत बदल रही है तेरी सोहबत में
ख़ाली सलाम-दुआ मुलाक़ात में
चेहरे की रंगत बदल रही है तेरी सोहबत में
जो बढ़ रहा है दिलों का रिश्ता
वो बढ़ता जाए, है ये दुआ
टूटे कभी ना ये सिलसिला अब
सारी उमर बस है ये दुआ
है ये दुआ, है ये दुआ
तुमसे मिल के मैंने जाना
रंग क्या, रूप क्या
भूल बैठा सब कुछ मैं तो
छाँव क्या, धूप क्या चाहत में
(चाहत में, चाहत में, चाहत में)
ख़ाली सलाम-दुआ मुलाक़ात में
चेहरे की रंगत बदल रही है तेरी सोहबत में
ख़ाली सलाम-दुआ मुलाक़ात में
चेहरे की रंगत बदल रही है तेरी सोहबत में
इश्क़ क्या, मोहब्बत क्या
भूल बैठा सब कुछ मैं तो
दिन क्या, रात क्या चाहत में
(चाहत में, चाहत में, चाहत में)
ख़ाली सलाम-दुआ मुलाक़ात में
चेहरे की रंगत बदल रही है तेरी सोहबत में
ख़ाली सलाम-दुआ मुलाक़ात में
चेहरे की रंगत बदल रही है तेरी सोहबत में
ये तूने क्या किया? ये तूने क्या किया?
डूबा मैं दिल की जन्नत में
ख़ाली सलाम-दुआ मुलाक़ात में
चेहरे की रंगत बदल रही है तेरी सोहबत में
जो ख़ालीपन था, जो सूना मन था
वो खिल उठा है, जाने ख़ुदा
बदल रहा है हर एक मौसम
बेचैन दिल का, जाने ख़ुदा
जाने ख़ुदा, जाने ख़ुदा
तुमसे मिल के मैंने जाना
जोश क्या, जुनूँ है क्या
भूल बैठा सब कुछ मैं तो
चैन क्या, सुकूँ है क्या चाहत में
(चाहत में, चाहत में, चाहत में)
ख़ाली सलाम-दुआ मुलाक़ात में
चेहरे की रंगत बदल रही है तेरी सोहबत में
ख़ाली सलाम-दुआ मुलाक़ात में
चेहरे की रंगत बदल रही है तेरी सोहबत में
जो बढ़ रहा है दिलों का रिश्ता
वो बढ़ता जाए, है ये दुआ
टूटे कभी ना ये सिलसिला अब
सारी उमर बस है ये दुआ
है ये दुआ, है ये दुआ
तुमसे मिल के मैंने जाना
रंग क्या, रूप क्या
भूल बैठा सब कुछ मैं तो
छाँव क्या, धूप क्या चाहत में
(चाहत में, चाहत में, चाहत में)
ख़ाली सलाम-दुआ मुलाक़ात में
चेहरे की रंगत बदल रही है तेरी सोहबत में
ख़ाली सलाम-दुआ मुलाक़ात में
चेहरे की रंगत बदल रही है तेरी सोहबत में
Writer(s): Shabbir Ahmed Lyrics powered by www.musixmatch.com
