Ishq Fitoori Songtext
von Mohit Chauhan
Ishq Fitoori Songtext
दर खुल गए हैं जन्नत के फिर से
उड़ने लगे हैं अरमान दिल के
दर खुल गए हैं जन्नत के फिर से
उड़ने लगे हैं अरमान दिल के
उड़ते परिंदे, कई बाशिंदे
ग़फ़लत में पड़ गए ना
इश्क़ फ़ितूरी, इश्क़ फ़ितूरी
सँवेरे-सँवेरे कपड़ों पे अपने
चंदन की ख़ुशबू रगड़ के
कड़क धूप सर पे चले हम तो घर से
मोहब्बत की गाड़ी पकड़ के
सँवेरे-सँवेरे कपड़ों पे अपने
चंदन की ख़ुशबू रगड़ के
कड़क धूप सर पे चले हम तो घर से
मोहब्बत की गाड़ी पकड़ के
तेरे नाम ही बहर-ए-शरीअत
लिखी ज़िंदगी की वसीयत
तेरे नाम ही बहर-ए-शरीअत
लिखी ज़िंदगी की वसीयत
उड़ते परिंदे, कई बाशिंदे
ग़फ़लत में पड़ गए ना
इश्क़ फ़ितूरी, इश्क़ फ़ितूरी
बाग़ों-बगीचों में तितली का उड़ना
गुल-ग़ुंचे ख़ुशबू लुटाते
खुले आसमाँ में खिली चाँदनी है
तारे भी हैं टिमटिमाते
बाग़ों-बगीचों में तितली का उड़ना
गुल-ग़ुंचे ख़ुशबू लुटाते
खुले आसमाँ में खिली चाँदनी है
तारे भी हैं टिमटिमाते
रातों की ये जगमगाहट
है चाँद की मुस्कुराहट
रातों की ये जगमगाहट
है चाँद की मुस्कुराहट
उड़ते परिंदे, कई बाशिंदे
ग़फ़लत में पड़ गए ना
इश्क़ फ़ितूरी, इश्क़ फ़ितूरी
उड़ने लगे हैं अरमान दिल के
दर खुल गए हैं जन्नत के फिर से
उड़ने लगे हैं अरमान दिल के
उड़ते परिंदे, कई बाशिंदे
ग़फ़लत में पड़ गए ना
इश्क़ फ़ितूरी, इश्क़ फ़ितूरी
सँवेरे-सँवेरे कपड़ों पे अपने
चंदन की ख़ुशबू रगड़ के
कड़क धूप सर पे चले हम तो घर से
मोहब्बत की गाड़ी पकड़ के
सँवेरे-सँवेरे कपड़ों पे अपने
चंदन की ख़ुशबू रगड़ के
कड़क धूप सर पे चले हम तो घर से
मोहब्बत की गाड़ी पकड़ के
तेरे नाम ही बहर-ए-शरीअत
लिखी ज़िंदगी की वसीयत
तेरे नाम ही बहर-ए-शरीअत
लिखी ज़िंदगी की वसीयत
उड़ते परिंदे, कई बाशिंदे
ग़फ़लत में पड़ गए ना
इश्क़ फ़ितूरी, इश्क़ फ़ितूरी
बाग़ों-बगीचों में तितली का उड़ना
गुल-ग़ुंचे ख़ुशबू लुटाते
खुले आसमाँ में खिली चाँदनी है
तारे भी हैं टिमटिमाते
बाग़ों-बगीचों में तितली का उड़ना
गुल-ग़ुंचे ख़ुशबू लुटाते
खुले आसमाँ में खिली चाँदनी है
तारे भी हैं टिमटिमाते
रातों की ये जगमगाहट
है चाँद की मुस्कुराहट
रातों की ये जगमगाहट
है चाँद की मुस्कुराहट
उड़ते परिंदे, कई बाशिंदे
ग़फ़लत में पड़ गए ना
इश्क़ फ़ितूरी, इश्क़ फ़ितूरी
Writer(s): Shabbir Ahmed Lyrics powered by www.musixmatch.com

