Dil Jo Na Keh Saka (Female Vocals) Songtext
von Lata Mangeshkar
Dil Jo Na Keh Saka (Female Vocals) Songtext
दिल जो ना कह सका
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई
दिल जो ना कह सका
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई
दिल जो ना कह सका...
नग़्मा सा कोई जाग उठा बदन में
झंकार की सी थरथरी है तन में
झंकार की सी थरथरी है तन में
हो, प्यार की इन्हीं धड़कती
धड़कती फ़िज़ाओं में
रहने की रात आई
दिल जो ना कह सका
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई
अब तक दबी थी एक मौज-ए-अरमाँ
लब तक जो आई, बन गई है तूफ़ाँ
लब तक जो आई, बन गई है तूफ़ाँ
हो, बात प्यार की बहकती
बहकती निगाहों से
कहने की रात आई
दिल जो ना कह सका
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई
गुज़रे ना ये शब, खोल दूँ ये ज़ुल्फ़ें
तुमको छुपा लूँ मूँद के ये पलकें
तुमको छुपा लूँ मूँद के ये पलकें
हो, बेक़रार सी लरज़ती
लरज़ती सी छाँव में
रहने की रात आई
दिल जो ना कह सका
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई
दिल जो ना कह सका...
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई
दिल जो ना कह सका
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई
दिल जो ना कह सका...
नग़्मा सा कोई जाग उठा बदन में
झंकार की सी थरथरी है तन में
झंकार की सी थरथरी है तन में
हो, प्यार की इन्हीं धड़कती
धड़कती फ़िज़ाओं में
रहने की रात आई
दिल जो ना कह सका
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई
अब तक दबी थी एक मौज-ए-अरमाँ
लब तक जो आई, बन गई है तूफ़ाँ
लब तक जो आई, बन गई है तूफ़ाँ
हो, बात प्यार की बहकती
बहकती निगाहों से
कहने की रात आई
दिल जो ना कह सका
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई
गुज़रे ना ये शब, खोल दूँ ये ज़ुल्फ़ें
तुमको छुपा लूँ मूँद के ये पलकें
तुमको छुपा लूँ मूँद के ये पलकें
हो, बेक़रार सी लरज़ती
लरज़ती सी छाँव में
रहने की रात आई
दिल जो ना कह सका
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई
दिल जो ना कह सका...
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Roshan Lyrics powered by www.musixmatch.com