Chhatri Na Khol Barsaat Mein Songtext
von Kumar Sanu & Poornima
Chhatri Na Khol Barsaat Mein Songtext
छतरी न खोल बरसात में
छतरी न खोल बरसात में
भीग जाने दे
भीग जाने दे भीगी रात में
भीग जाने दे भीगी रात में
छतरी न खोल बरसात में
छतरी न खोल बरसात में
भीग जाने दे
भीग जाने दे भीगी रात में
भीग जाने दे भीगी रात में
मजा आयेगा
मजा आयेगा मुलाकात में
भीग जाने दे
भीग जाने दे भीगी रात में
भीग जाने दे भीगी रात में
पानी की बुँदे तन को जलाये
मन में मेरे बडी प्यास है
हालत बुरी है बुद्धू अनाड़ी
तुझको नहीं अह्सास है
पानी की बुँदे तन को जलाये
मन में मेरे बडी प्यास है
हालत बुरी है बुद्धू अनाड़ी
तुझको नहीं अह्सास है
सर्दी लगे कपे बदन
जल्दी बता कोई जतन
यूँ ना फंसा मुझको बात में
छतरी न खोल बरसात में
छतरी न खोल बरसात में
भीग जाने दे
भीग जाने दे भीगी रात में
भीग जाने दे भीगी रात में
आके लिपट जा सिने से मेरे
काहे को इतनी दूर है
दुरी सही न जाये बेदर्दी
बेचैन दिल मजबूर है
आके लिपट जा सिने से मेरे
काहे को इतनी दूर है
दुरी सही न जाये बेदर्दी
बेचैन दिल मजबूर है
है वास्ता भगवन का
मैं भक्त हूँ हनुमान का
आउँगा न तेरे हाथ में
चात्रि न खोल बरसात में
चात्रि तो खोल बरसात में
न भिगा मुझको
न भिगा मुझको भीगी रात में
न भिगा मुझको भीगी रात में
मजा आयेगा
हा मजा आयेगा मुलाकात में
भीग जाने दे
भीग जाने दे भीगी रात में
भीग जाने दे भीगी रात में
छतरी न खोल बरसात में
भीग जाने दे
भीग जाने दे भीगी रात में
भीग जाने दे भीगी रात में
छतरी न खोल बरसात में
छतरी न खोल बरसात में
भीग जाने दे
भीग जाने दे भीगी रात में
भीग जाने दे भीगी रात में
मजा आयेगा
मजा आयेगा मुलाकात में
भीग जाने दे
भीग जाने दे भीगी रात में
भीग जाने दे भीगी रात में
पानी की बुँदे तन को जलाये
मन में मेरे बडी प्यास है
हालत बुरी है बुद्धू अनाड़ी
तुझको नहीं अह्सास है
पानी की बुँदे तन को जलाये
मन में मेरे बडी प्यास है
हालत बुरी है बुद्धू अनाड़ी
तुझको नहीं अह्सास है
सर्दी लगे कपे बदन
जल्दी बता कोई जतन
यूँ ना फंसा मुझको बात में
छतरी न खोल बरसात में
छतरी न खोल बरसात में
भीग जाने दे
भीग जाने दे भीगी रात में
भीग जाने दे भीगी रात में
आके लिपट जा सिने से मेरे
काहे को इतनी दूर है
दुरी सही न जाये बेदर्दी
बेचैन दिल मजबूर है
आके लिपट जा सिने से मेरे
काहे को इतनी दूर है
दुरी सही न जाये बेदर्दी
बेचैन दिल मजबूर है
है वास्ता भगवन का
मैं भक्त हूँ हनुमान का
आउँगा न तेरे हाथ में
चात्रि न खोल बरसात में
चात्रि तो खोल बरसात में
न भिगा मुझको
न भिगा मुझको भीगी रात में
न भिगा मुझको भीगी रात में
मजा आयेगा
हा मजा आयेगा मुलाकात में
भीग जाने दे
भीग जाने दे भीगी रात में
भीग जाने दे भीगी रात में
Writer(s): Sameer Anjaan, Anand Chitragupta Shrivastava, Milind Chitragupta Shrivastava Lyrics powered by www.musixmatch.com

