Kanton se Daaman Uljhana Songtext
von Jagjit Singh
Kanton se Daaman Uljhana Songtext
काँटों से दामन उलझाना, मेरी आदत है
काँटों से दामन उलझाना, मेरी आदत है
दिल में पराया दर्द बसाना...
दिल में पराया दर्द बसाना, मेरी आदत है
काँटों से दामन उलझाना, मेरी आदत है
मेरा गला अगर कट जाए तो तुझ पर क्या इल्ज़ाम
मेरा गला अगर कट जाए तो तुझ पर क्या इल्ज़ाम
हर क़ातिल को गले लगाना...
हर क़ातिल को गले लगाना, मेरी आदत है
काँटों से दामन उलझाना, मेरी आदत है
जिनको दुनिया ने ठुकराया, जिनसे हैं सब दूर
जिनको दुनिया ने ठुकराया, जिनसे हैं सब दूर
ऐसे लोगों को अपनाना, मेरी आदत है
सब की बातें सुन लेता हूँ मैं चुप-चाप, मगर
सब की बातें सुन लेता हूँ मैं चुप-चाप, मगर
अपने दिल की करते जाना...
अपने दिल की करते जाना, मेरी आदत है
मेरी आदत है
दिल में पराया दर्द बसाना...
दिल में पराया दर्द बसाना, मेरी आदत है
काँटों से दामन उलझाना, मेरी आदत है
मेरी आदत है
काँटों से दामन उलझाना, मेरी आदत है
दिल में पराया दर्द बसाना...
दिल में पराया दर्द बसाना, मेरी आदत है
काँटों से दामन उलझाना, मेरी आदत है
मेरा गला अगर कट जाए तो तुझ पर क्या इल्ज़ाम
मेरा गला अगर कट जाए तो तुझ पर क्या इल्ज़ाम
हर क़ातिल को गले लगाना...
हर क़ातिल को गले लगाना, मेरी आदत है
काँटों से दामन उलझाना, मेरी आदत है
जिनको दुनिया ने ठुकराया, जिनसे हैं सब दूर
जिनको दुनिया ने ठुकराया, जिनसे हैं सब दूर
ऐसे लोगों को अपनाना, मेरी आदत है
सब की बातें सुन लेता हूँ मैं चुप-चाप, मगर
सब की बातें सुन लेता हूँ मैं चुप-चाप, मगर
अपने दिल की करते जाना...
अपने दिल की करते जाना, मेरी आदत है
मेरी आदत है
दिल में पराया दर्द बसाना...
दिल में पराया दर्द बसाना, मेरी आदत है
काँटों से दामन उलझाना, मेरी आदत है
मेरी आदत है
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