Ash Tray Songtext
von Deva Sengupta
Ash Tray Songtext
बहोत से आधे बुझे हुए दिन पड़े है इसमें
बहोत सी आधी जली हुई रातें गीर पड़ी है
बहोत से आधे बुझे हुए दिन पड़े है इसमें
बहोत सी आधी जली हुई रातें गीर पड़ी है
ये ash tray भरती जा रही है
ये ash tray भरती जा रही है
के सुर्ख टुकड़े है कुछ तलब के
सुलग रहे है, सुलग रहे है
ये ash tray भरती जा रही है
(धुँआ-धुँआ, धुँआ-धुँआ, धुँआ-धुँआ, धुँआ-धुँआ...)
धुंआ लिपटता है धुँआ
धुँआ-धुँआ, धुँआ-धुँआ, धुँआ-धुँआ, धुँआ-धुँआ
धुँआ लिपटता है बाज़ीगर की तरह हवा से
धुँआ लिपटता है बाज़ीगर की तरह हवा से
वो पल पे बल खाके उठ रहा है
उठ रहा है, उठ रहा है
तमाम करतब दिखा रहा है
दिखा रहा है, दिखा रहा है
ये ash tray भरती जा रही है
बहोत से आधे बुझे हुए दिन पड़े है इसमें
बहोत सी आधी जली हुई रातें गीर पड़ी है
अहात डालो, न हाथ डालो
के वक्त से छिले हुए लम्हों की राख गर्म है
वक्त से छिले हुए लम्हों की राख नर्म है
उंगलिया जलेंगी, ये ash tray पूरी भर गई है
बहोत सी आधी जली हुई रातें गीर पड़ी है
बहोत से आधे बुझे हुए दिन पड़े है इसमें
बहोत सी आधी जली हुई रातें गीर पड़ी है
ये ash tray भरती जा रही है
ये ash tray भरती जा रही है
के सुर्ख टुकड़े है कुछ तलब के
सुलग रहे है, सुलग रहे है
ये ash tray भरती जा रही है
(धुँआ-धुँआ, धुँआ-धुँआ, धुँआ-धुँआ, धुँआ-धुँआ...)
धुंआ लिपटता है धुँआ
धुँआ-धुँआ, धुँआ-धुँआ, धुँआ-धुँआ, धुँआ-धुँआ
धुँआ लिपटता है बाज़ीगर की तरह हवा से
धुँआ लिपटता है बाज़ीगर की तरह हवा से
वो पल पे बल खाके उठ रहा है
उठ रहा है, उठ रहा है
तमाम करतब दिखा रहा है
दिखा रहा है, दिखा रहा है
ये ash tray भरती जा रही है
बहोत से आधे बुझे हुए दिन पड़े है इसमें
बहोत सी आधी जली हुई रातें गीर पड़ी है
अहात डालो, न हाथ डालो
के वक्त से छिले हुए लम्हों की राख गर्म है
वक्त से छिले हुए लम्हों की राख नर्म है
उंगलिया जलेंगी, ये ash tray पूरी भर गई है
Writer(s): Vishal Bharadwaaj, Gulzar Lyrics powered by www.musixmatch.com

