Humko dushman ki nigahon se Songtext
von Chitra Singh
Humko dushman ki nigahon se Songtext
हम को दुश्मन की निगाहों से न देखा कीजे
हम को दुश्मन की निगाहों से न देखा कीजे
प्यार ही प्यार हैं हम
प्यार ही प्यार हैं हम, हम पे भरोसा कीजे
हम को दुश्मन की निगाहों से न देखा कीजे
चंद यादों के सिवा हाथ न कुछ आयेगा
चंद यादों के सिवा हाथ न कुछ आयेगा
इस तरह उम्र-ए-गुरेज़ाँ का न पीछा कीजे
प्यार ही प्यार हैं हम
प्यार ही प्यार हैं हम, हम पे भरोसा कीजे
हम को दुश्मन की निगाहों से न देखा कीजे
रौशनी औरों के आँगन में गवारा न सही
रौशनी औरों के आँगन में गवारा न सही
कम से कम अपने ही घर में तो उजाला कीजे
प्यार ही प्यार हैं हम
प्यार ही प्यार हैं हम, हम पे भरोसा कीजे
हम को दुश्मन की निगाहों से न देखा कीजे
क्या ख़बर कब वो चले आएँगे मिलने के लिये
क्या ख़बर कब वो चले आएँगे मिलने के लिये
रोज़ पल्कों पे नई शम्में जलाया कीजे
प्यार ही प्यार हैं हम
प्यार ही प्यार हैं हम, हम पे भरोसा कीजे
हम को दुश्मन की निगाहों से न देखा कीजे
हम को दुश्मन की निगाहों से न देखा कीजे
प्यार ही प्यार हैं हम
प्यार ही प्यार हैं हम, हम पे भरोसा कीजे
हम को दुश्मन की निगाहों से न देखा कीजे
चंद यादों के सिवा हाथ न कुछ आयेगा
चंद यादों के सिवा हाथ न कुछ आयेगा
इस तरह उम्र-ए-गुरेज़ाँ का न पीछा कीजे
प्यार ही प्यार हैं हम
प्यार ही प्यार हैं हम, हम पे भरोसा कीजे
हम को दुश्मन की निगाहों से न देखा कीजे
रौशनी औरों के आँगन में गवारा न सही
रौशनी औरों के आँगन में गवारा न सही
कम से कम अपने ही घर में तो उजाला कीजे
प्यार ही प्यार हैं हम
प्यार ही प्यार हैं हम, हम पे भरोसा कीजे
हम को दुश्मन की निगाहों से न देखा कीजे
क्या ख़बर कब वो चले आएँगे मिलने के लिये
क्या ख़बर कब वो चले आएँगे मिलने के लिये
रोज़ पल्कों पे नई शम्में जलाया कीजे
प्यार ही प्यार हैं हम
प्यार ही प्यार हैं हम, हम पे भरोसा कीजे
हम को दुश्मन की निगाहों से न देखा कीजे
Writer(s): Rais Akhtar, Jagjit Singh Lyrics powered by www.musixmatch.com