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Yahi Meri Zindagi Songtext
von Aditi Singh Sharma

Yahi Meri Zindagi Songtext

उतरा-उतरा मौसम ढल के पलकों में
क़तरा-क़तरा पी लूँ, आ, इस पल को मैं

सूरज की कुछ बूँदें टपकी हैं पेशानी पे
सरगोशी ख़ुद से करती हूँ मैं हैरानी में

यही मेरी ज़िंदगी है, ज़िंदगी है, ज़िंदगी-ज़िंदगी
यही मेरी ज़िंदगी है, ज़िंदगी है, ज़िंदगी-ज़िंदगी
यही मेरी ज़िंदगी है, ज़िंदगी है, ज़िंदगी-ज़िंदगी
यही मेरी ज़िंदगी है, ज़िंदगी है, ज़िंदगी-ज़िंदगी


ये मेरे पल, मेरे दिन, जैसे हों
चंद सब्ज़-शाख़ें एक सजर पे खिलीं (oh-ooh, whoa)
हैं मैंने (सब सपने रंग डाले)
जी भर के (दिल में ले के उजाले)
खिलखिला के मैं तो उड़ चली (oh-oh, ho-oh-oh)

कुदरत मुस्कुराती है मेरी नादानी पे
सरगोशी ख़ुद से करती हूँ मैं हैरानी में

यही मेरी ज़िंदगी है, ज़िंदगी है, ज़िंदगी-ज़िंदगी
यही मेरी ज़िंदगी है, ज़िंदगी है, ज़िंदगी-ज़िंदगी
यही मेरी ज़िंदगी है, ज़िंदगी है, ज़िंदगी-ज़िंदगी
यही मेरी ज़िंदगी है, ज़िंदगी है, ज़िंदगी-ज़िंदगी

उतरा-उतरा मौसम ढल के पलकों में
क़तरा-क़तरा पी लूँ, आ, इस पल को मैं

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