Piya Basanti Songtext
von Ustad Sultan Khan, K. S. Chitra
Piya Basanti Songtext
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
जाने क्या जादू किया
प्यार की धुन छेड़े जिया
काहे सताए आजा
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
बादल ने अंगड़ाई ली जो कभी
लहराया धरती का आँचल
बादल ने अंगड़ाई ली जो कभी
लहराया धरती का आँचल
ये पत्ता-पत्ता, ये बूटा-बूटा
छेड़े है कैसी ये हलचल
मनवा ये डोले, जाने क्या बोले
मनवा ये डोले, जाने क्या बोले
मानेगा ना मेरा जिया
तेरे है हम तेरे पिया
काहे सताए आजा
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
पलकों के सिरहाने बैठे ख़्वाब वही जो आनेवाले
दिल की गिरह गिरह खोले मन में प्यार जगानेवाले
पलकों के सिरहाने बैठे ख़्वाब वही जो आनेवाले
दिल की गिरह गिरह खोले मन में प्यार जगानेवाले
सतरंगी सपने ये बोले रे
काहे सताए आजा
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
जाने क्या जादू किया
प्यार की धुन छेड़े जिया
काहे सताए आजा पिया बसंती रे
काहे सताए आजा
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
जाने क्या जादू किया
प्यार की धुन छेड़े जिया
काहे सताए आजा
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
बादल ने अंगड़ाई ली जो कभी
लहराया धरती का आँचल
बादल ने अंगड़ाई ली जो कभी
लहराया धरती का आँचल
ये पत्ता-पत्ता, ये बूटा-बूटा
छेड़े है कैसी ये हलचल
मनवा ये डोले, जाने क्या बोले
मनवा ये डोले, जाने क्या बोले
मानेगा ना मेरा जिया
तेरे है हम तेरे पिया
काहे सताए आजा
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
पलकों के सिरहाने बैठे ख़्वाब वही जो आनेवाले
दिल की गिरह गिरह खोले मन में प्यार जगानेवाले
पलकों के सिरहाने बैठे ख़्वाब वही जो आनेवाले
दिल की गिरह गिरह खोले मन में प्यार जगानेवाले
सतरंगी सपने ये बोले रे
काहे सताए आजा
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
जाने क्या जादू किया
प्यार की धुन छेड़े जिया
काहे सताए आजा पिया बसंती रे
काहे सताए आजा
Writer(s): Khilesh Sharma, Ustad Sultan Khan Lyrics powered by www.musixmatch.com