Kuchh Tum Socho Songtext
von Sonu Nigam
Kuchh Tum Socho Songtext
कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें
फिर ख़ुशी का मौसम आए
Hm, कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें
फिर ख़ुशी का मौसम आए
तन्हा-तन्हा कौन जिया है?
रह के तन्हा दिल घबराए
आ जाओ, मिल के रिश्ता ये जोड़ें
शर्तें बदल दें, रस्मों को तोड़ें
इससे पहले कि ये दुनिया हमें आज़माए
ओ, कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें
फिर ख़ुशी का मौसम आए
आई हैं ख़ुशियों का
पैग़ाम लेके बहारें
ये पल है अपना, इस पल में, आओ
तक़दीर अपनी सँवारें
आई हैं ख़ुशियों का
पैग़ाम लेके बहारें
ये पल है अपना, इस पल में, आओ
तक़दीर अपनी सँवारें
ख़ाली-ख़ाली इस जीवन में
प्यार भर लें हम-तुम, दोनों
दीवाने जो करते अक्सर
वो ही कर लें हम-तुम, दोनों
इन फ़ासलों को, आओ, मिटा दें
एक-दूसरे में ख़ुद को छुपा दें
इससे पहले कि ये दुनिया हमें आज़माए
ओ, कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें
फिर ख़ुशी का मौसम आए
दुनिया की रस्मों को
चाहत में शामिल ना करना
मंज़िल हम अपनी पाके रहेंगे
हाँ, तुम किसी से ना डरना
दुनिया की रस्मों को
चाहत में शामिल ना करना
मंज़िल हम अपनी पाके रहेंगे
हाँ, तुम किसी से ना डरना
पागल रस्में, पागल दुनिया
और थोड़े हम-तुम पागल
"क़िस्मत में हो ना जाने क्या"
सोचते हैं बस ये हर पल
अरमाँ है जिसका, सपना वो बुन लें
तुम हमको चुन लो, हम तुमको चुन लें
इससे पहले कि ये दुनिया हमें आज़माए
ओ, कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें
फिर ख़ुशी का मौसम आए
तन्हा-तन्हा कौन जिया है?
रह के तन्हा दिल घबराए
आ जाओ, मिल के रिश्ता ये जोड़ें
शर्तें बदल दें, रस्मों को तोड़ें
इससे पहले कि ये दुनिया हमें आज़माए, hm
फिर ख़ुशी का मौसम आए
Hm, कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें
फिर ख़ुशी का मौसम आए
तन्हा-तन्हा कौन जिया है?
रह के तन्हा दिल घबराए
आ जाओ, मिल के रिश्ता ये जोड़ें
शर्तें बदल दें, रस्मों को तोड़ें
इससे पहले कि ये दुनिया हमें आज़माए
ओ, कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें
फिर ख़ुशी का मौसम आए
आई हैं ख़ुशियों का
पैग़ाम लेके बहारें
ये पल है अपना, इस पल में, आओ
तक़दीर अपनी सँवारें
आई हैं ख़ुशियों का
पैग़ाम लेके बहारें
ये पल है अपना, इस पल में, आओ
तक़दीर अपनी सँवारें
ख़ाली-ख़ाली इस जीवन में
प्यार भर लें हम-तुम, दोनों
दीवाने जो करते अक्सर
वो ही कर लें हम-तुम, दोनों
इन फ़ासलों को, आओ, मिटा दें
एक-दूसरे में ख़ुद को छुपा दें
इससे पहले कि ये दुनिया हमें आज़माए
ओ, कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें
फिर ख़ुशी का मौसम आए
दुनिया की रस्मों को
चाहत में शामिल ना करना
मंज़िल हम अपनी पाके रहेंगे
हाँ, तुम किसी से ना डरना
दुनिया की रस्मों को
चाहत में शामिल ना करना
मंज़िल हम अपनी पाके रहेंगे
हाँ, तुम किसी से ना डरना
पागल रस्में, पागल दुनिया
और थोड़े हम-तुम पागल
"क़िस्मत में हो ना जाने क्या"
सोचते हैं बस ये हर पल
अरमाँ है जिसका, सपना वो बुन लें
तुम हमको चुन लो, हम तुमको चुन लें
इससे पहले कि ये दुनिया हमें आज़माए
ओ, कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें
फिर ख़ुशी का मौसम आए
तन्हा-तन्हा कौन जिया है?
रह के तन्हा दिल घबराए
आ जाओ, मिल के रिश्ता ये जोड़ें
शर्तें बदल दें, रस्मों को तोड़ें
इससे पहले कि ये दुनिया हमें आज़माए, hm
Writer(s): Sajid-wajid, Faaiz Anwar Lyrics powered by www.musixmatch.com

