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Dil Nange Pair Jaise Songtext
von Shankar Mahadevan

Dil Nange Pair Jaise Songtext

दिल नंगे पैर जैसे किरचों पे चल रहा है
दिल नंगे पैर जैसे किरचों पे चल रहा है
इक दर्द का समंदर जैसे उबल रहा है
इक दर्द का समंदर जैसे उबल रहा है

हो, दिल नंगे पैर जैसे किरचों पे चल रहा है

लम्हों की चेहरे इतने पीले से पड़ गए हैं
एहसास के बदन में १०० तीर गढ़ गए हैं
लम्हों की चेहरे इतने पीले से पड़ गए हैं
एहसास के बदन में १०० तीर गढ़ गए हैं

मायूसियों की आँधी...
मायूसियों की आँधी साँसों में चल रही है
उम्मीद के जो घर थे सारे उजड़ गए हैं, सारे उजड़ गए हैं


इक आग के जिसमें जो कुछ है जल रहा है
इक आग के जिसमें जो कुछ है जल रहा है
दिल नंगे पैर जैसे किरचों पे चल रहा है

आसान थे जो रस्ते, वो सारे खो गए हैं
कुछ लोग जाते-जाते काँटें से बो गए हैं

सब दोस्तों की आँखें...
सब दोस्तों की आँखें पत्थर की हो गई है
सब अजनबी हैं जैसे सब ग़ैर हो गए हैं, सब ग़ैर हो गए हैं

तन्हाई का अँधेरा नस-नस में ढल रहा है
हो, तन्हाई का अँधेरा नस-नस में ढल रहा है
दिल नंगे पैर जैसे किरचों पे चल रहा है

दिल नंगे पैर जैसे किरचों पे चल रहा है
इक दर्द का समंदर जैसे उबल रहा है
दिल नंगे पैर जैसे किरचों पे चल रहा है

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