Roshan Chehra Kali Zulfein Songtext
von Pankaj Udhas
Roshan Chehra Kali Zulfein Songtext
धूप में है साए का आलम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
धूप में है साए का आलम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
रात और दिन का बने है संगम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
धूप में है साए का आलम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
मुखड़ा मन की प्यास बढ़ाए
मुखड़ा मन की प्यास बढ़ाए
ज़ुल्फ़ खुले, बादल बन जाए
मुखड़ा मन की प्यास बढ़ाए
ज़ुल्फ़ खुले, बादल बन जाए
गर्मी, बारिश दोनों मौसम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
धूप में है साए का आलम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
ख़ुशबू आई संदेसा बन के
ख़ुशबू आई संदेसा बन के
सन्नाटों में घुँगरू खनके
ख़ुशबू आई संदेसा बन के
सन्नाटों में घुँगरू खनके
है ये वही पायल की छन-छन
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
धूप में है साए का आलम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
जब से वो अपने संग नहीं है
शेरों में वो रंग नहीं है
जब से वो अपने संग नहीं है
शेरों में वो रंग नहीं है
जब से वो अपने संग नहीं है
शेरों में वो रंग नहीं है
राशिद जाने कब देखें हम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
धूप में है साए का आलम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
रात और दिन का बने है संगम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
धूप में है साए का आलम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
धूप में है साए का आलम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
रात और दिन का बने है संगम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
धूप में है साए का आलम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
मुखड़ा मन की प्यास बढ़ाए
मुखड़ा मन की प्यास बढ़ाए
ज़ुल्फ़ खुले, बादल बन जाए
मुखड़ा मन की प्यास बढ़ाए
ज़ुल्फ़ खुले, बादल बन जाए
गर्मी, बारिश दोनों मौसम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
धूप में है साए का आलम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
ख़ुशबू आई संदेसा बन के
ख़ुशबू आई संदेसा बन के
सन्नाटों में घुँगरू खनके
ख़ुशबू आई संदेसा बन के
सन्नाटों में घुँगरू खनके
है ये वही पायल की छन-छन
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
धूप में है साए का आलम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
जब से वो अपने संग नहीं है
शेरों में वो रंग नहीं है
जब से वो अपने संग नहीं है
शेरों में वो रंग नहीं है
जब से वो अपने संग नहीं है
शेरों में वो रंग नहीं है
राशिद जाने कब देखें हम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
धूप में है साए का आलम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
रात और दिन का बने है संगम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
धूप में है साए का आलम
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
रौशन चेहरा, काली ज़ुल्फ़ें
Writer(s): Pankaj Udhas, Mumtaz Rashid Lyrics powered by www.musixmatch.com