Subah Na Aayi Sham Na Aayi Songtext
von Mohammed Rafi
Subah Na Aayi Sham Na Aayi Songtext
ख़ुशी जिस ने खोजी वो धन ले के लौटा
हँसी जिस ने खोजी, चमन ले के लौटा
मगर प्यार को खोजने जो चला वो
ना तन लेके लौटा, ना मन लेके लौटा
सुबह ना आई, शाम ना आई
सुबह ना आई, शाम ना आई
जिस दिन तेरी याद ना आई, याद ना आई
सुबह ना आई, शाम ना आई
कैसी लगन ये लगी तुझ से?
कैसी लगन ये लगी?
हँसी खो गई, ख़ुशी खो गई
आँसू तक सब रहन हो गए
अर्थी तक नीलाम हो गई
अर्थी तक नीलाम हो गई
दुनियाँ ने दुश्मनी निभाई, याद ना आई
सुबह ना आई, शाम ना आई
तुम मिल जाते तो हो जाती पूरी अपनी राम कहानी
अंदर ताजमहल बन जाता, गंगाजल आँखों का पानी
साँसों ने हथकड़ी लगाई, याद ना आई
सुबह ना आई, शाम ना आई
जैसे भी हो तुम आ जाओ
जैसे भी हो तुम आ जाओ
आ जाओ, आ जाओ
जैसे भी हो तुम आ जाओ
आग लगी है तन में और मन में
आग लगी है तन में और मन में
एक तार की दूरी है...
एक तार की दूरी है बस दामन और कफ़न में
हुई मौत के संग सगाई, याद ना आई?
आ जाओ, आ जाओ
आ जाओ, आ जाओ
आ जाओ...
हँसी जिस ने खोजी, चमन ले के लौटा
मगर प्यार को खोजने जो चला वो
ना तन लेके लौटा, ना मन लेके लौटा
सुबह ना आई, शाम ना आई
सुबह ना आई, शाम ना आई
जिस दिन तेरी याद ना आई, याद ना आई
सुबह ना आई, शाम ना आई
कैसी लगन ये लगी तुझ से?
कैसी लगन ये लगी?
हँसी खो गई, ख़ुशी खो गई
आँसू तक सब रहन हो गए
अर्थी तक नीलाम हो गई
अर्थी तक नीलाम हो गई
दुनियाँ ने दुश्मनी निभाई, याद ना आई
सुबह ना आई, शाम ना आई
तुम मिल जाते तो हो जाती पूरी अपनी राम कहानी
अंदर ताजमहल बन जाता, गंगाजल आँखों का पानी
साँसों ने हथकड़ी लगाई, याद ना आई
सुबह ना आई, शाम ना आई
जैसे भी हो तुम आ जाओ
जैसे भी हो तुम आ जाओ
आ जाओ, आ जाओ
जैसे भी हो तुम आ जाओ
आग लगी है तन में और मन में
आग लगी है तन में और मन में
एक तार की दूरी है...
एक तार की दूरी है बस दामन और कफ़न में
हुई मौत के संग सगाई, याद ना आई?
आ जाओ, आ जाओ
आ जाओ, आ जाओ
आ जाओ...
Writer(s): Neeraj, Iqbal Qureshi Lyrics powered by www.musixmatch.com