Woh Teri Duniya Nahin (Dacait) Songtext
von Lata Mangeshkar
Woh Teri Duniya Nahin (Dacait) Songtext
वो तेरी दुनिया नहीं, वो तेरी महफ़िल नहीं
उस तरफ़ मत जा, उधर रस्ता तो है, मंज़िल नहीं
वो तेरी दुनिया नहीं, वो तेरी महफ़िल नहीं
उस तरफ़ मत जा, उधर रस्ता तो है, मंज़िल नहीं
वो तेरी दुनिया नहीं, वो तेरी महफ़िल नहीं
रोते तेरी याद में गुज़रेगा हर सावन मेरा
रोते तेरी याद में गुज़रेगा हर सावन मेरा
जब कहेंगे लोग, "डाकू बन गया साजन तेरा"
मुझ पे क्या-, मुझ पे क्या...
मुझ पे क्या गुज़रेगी, तू इस बात से ग़ाफ़िल नहीं
उस तरफ़ मत जा, उधर रस्ता तो है, मंज़िल नहीं
वो तेरी दुनिया नहीं, वो तेरी महफ़िल नहीं
गीत बुलबुल का है ये, कोयल की मीठी कूक है
गीत बुलबुल का है ये, कोयल की मीठी कूक है
ज़िंदगी है फूल, तेरे हाथ में बंदूक है
तू मेरा-, तू मेरा...
तू मेरा साजन है, साजन, तू कोई क़ातिल नहीं
उस तरफ़ मत जा, उधर रस्ता तो है, मंज़िल नहीं
वो तेरी दुनिया नहीं, वो तेरी महफ़िल नहीं
हर क़सम को तोड़ कर, हर एक वादा तोड़ कर
हर क़सम को तोड़ कर, हर एक वादा तोड़ कर
जा रहा है आज तू नफ़रत से सब को छोड़ कर
क्या मेरी-, क्या मेरी...
क्या मेरी चाहत भी तेरे प्यार के क़ाबिल नहीं?
उस तरफ़ मत जा, उधर रस्ता तो है, मंज़िल नहीं
वो तेरी दुनिया नहीं, वो तेरी महफ़िल नहीं
उस तरफ़ मत जा, उधर रस्ता तो है, मंज़िल नहीं
वो तेरी दुनिया नहीं, वो तेरी महफ़िल नहीं
उस तरफ़ मत जा, उधर रस्ता तो है, मंज़िल नहीं
वो तेरी दुनिया नहीं, वो तेरी महफ़िल नहीं
उस तरफ़ मत जा, उधर रस्ता तो है, मंज़िल नहीं
वो तेरी दुनिया नहीं, वो तेरी महफ़िल नहीं
रोते तेरी याद में गुज़रेगा हर सावन मेरा
रोते तेरी याद में गुज़रेगा हर सावन मेरा
जब कहेंगे लोग, "डाकू बन गया साजन तेरा"
मुझ पे क्या-, मुझ पे क्या...
मुझ पे क्या गुज़रेगी, तू इस बात से ग़ाफ़िल नहीं
उस तरफ़ मत जा, उधर रस्ता तो है, मंज़िल नहीं
वो तेरी दुनिया नहीं, वो तेरी महफ़िल नहीं
गीत बुलबुल का है ये, कोयल की मीठी कूक है
गीत बुलबुल का है ये, कोयल की मीठी कूक है
ज़िंदगी है फूल, तेरे हाथ में बंदूक है
तू मेरा-, तू मेरा...
तू मेरा साजन है, साजन, तू कोई क़ातिल नहीं
उस तरफ़ मत जा, उधर रस्ता तो है, मंज़िल नहीं
वो तेरी दुनिया नहीं, वो तेरी महफ़िल नहीं
हर क़सम को तोड़ कर, हर एक वादा तोड़ कर
हर क़सम को तोड़ कर, हर एक वादा तोड़ कर
जा रहा है आज तू नफ़रत से सब को छोड़ कर
क्या मेरी-, क्या मेरी...
क्या मेरी चाहत भी तेरे प्यार के क़ाबिल नहीं?
उस तरफ़ मत जा, उधर रस्ता तो है, मंज़िल नहीं
वो तेरी दुनिया नहीं, वो तेरी महफ़िल नहीं
उस तरफ़ मत जा, उधर रस्ता तो है, मंज़िल नहीं
वो तेरी दुनिया नहीं, वो तेरी महफ़िल नहीं
Writer(s): Anand Bakshi Lyrics powered by www.musixmatch.com

