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Tere Ghungroo Ki Awaz (Ghungroo Ki Awaz) Songtext
von Kishore Kumar

Tere Ghungroo Ki Awaz (Ghungroo Ki Awaz) Songtext

ओ, मेरे हमराज़, कैसा है ये राज़?
बुलाती है और खो जाती है
तेरे घुँघरू की आवाज़
तेरे घुँघरू की आवाज़

ओ, मेरे हमराज़, कैसा है ये राज़?
बुलाती है और खो जाती है
तेरे घुँघरू की आवाज़
तेरे घुँघरू की आवाज़

सितारों ने सजाई थी डगर
हवाओं ने झुलाया भी, मगर

सितारों ने सजाई थी डगर
हवाओं ने झुलाया भी, मगर
जला डाले, जला डाले पंख नसीबों ने

रह गई हसरत-ए-परवाज़
तेरे घुँघरू की आवाज़


ओ, मेरे हमराज़, कैसा है ये राज़?
बुलाती है और खो जाती है
तेरे घुँघरू की आवाज़
तेरे घुँघरू की आवाज़

अंधेरों में छुपी है किरण
मिलन है, पर ये कैसा मिलन?

अंधेरों में छुपी है किरण
मिलन है, पर ये कैसा मिलन?
अधूरा है, अधूरा है गीत जीवन का

और टूटा-टूटा साज़
तेरे घुँघरू की आवाज़

ओ, मेरे हमराज़, कैसा है ये राज़?
बुलाती है और खो जाती है
तेरे घुँघरू की आवाज़
तेरे घुँघरू की आवाज़

तेरे घुँघरू की आवाज़

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