Nafrat Karne Walon Ke Songtext
von Kishore Kumar
Nafrat Karne Walon Ke Songtext
नफ़रत करने वालों के सीने में प्यार भर दूँ
नफ़रत करने वालों के सीने में प्यार भर दूँ
अरे, मैं वो परवाना हूँ पत्थर को मोम कर दूँ
नफ़रत करने वालों के सीने में प्यार भर दूँ
फिर आप क्या हैं? हैं?
आख़िर तो आप फूल हैं, फ़ौलाद नहीं हैं
अजी, बुलबुल हैं किसी बाग़ के सैय्याद नहीं हैं
बुलबुल के तड़पने से सैय्याद पिघलता है
बुलबुल के तड़पने से सैय्याद पिघलता है
आँहों में असर हो तो फ़ौलाद पिघलता है
फ़ौलाद के भी दिल में उल्फ़त की आग भर दूँ
अरे, मैं वो परवाना हूँ पत्थर को मोम कर दूँ
नफ़रत करने वालों के सीने में प्यार भर दूँ
शर्म-ओ-हया का परदा दुश्वार नहीं है
अजी, हल्का-सा एक परदा है, दीवार नहीं है
आँचल की ये दीवार तो दीवार नहीं है
आँचल की ये दीवार तो दीवार नहीं है
फिर आप के भी दिल में इनकार नहीं है
इनकार जिन लबों में इक़रार उनमें भर दूँ
अरे, मैं वो परवाना हूँ पत्थर को मोम कर दूँ
नफ़रत करने वालों के सीने में प्यार भर दूँ
हम वो हैं ज़िंदगी में कभी साथ ना छोड़ेगे
थामेंगे अगर हाथ तो फिर हाथ ना छोड़ेगे
हम हाथ ना छोड़ेंगे तूफ़ाँ से किनारों तक
हम हाथ ना छोड़ेंगे तूफ़ाँ से किनारों तक
हम साथ ना छोड़ेंगे धरती से सितारों तक
चाहत के सितारों से, धरती की मांग भर दूँ
अरे, मैं वो परवाना हूँ पत्थर को मोम कर दूँ
नफ़रत करने वालों के सीने में प्यार भर दूँ
अरे, मैं वो परवाना हूँ पत्थर को मोम कर दूँ
नफ़रत करने वालों के सीने में प्यार भर दूँ
नफ़रत करने वालों के सीने में प्यार भर दूँ
अरे, मैं वो परवाना हूँ पत्थर को मोम कर दूँ
नफ़रत करने वालों के सीने में प्यार भर दूँ
फिर आप क्या हैं? हैं?
आख़िर तो आप फूल हैं, फ़ौलाद नहीं हैं
अजी, बुलबुल हैं किसी बाग़ के सैय्याद नहीं हैं
बुलबुल के तड़पने से सैय्याद पिघलता है
बुलबुल के तड़पने से सैय्याद पिघलता है
आँहों में असर हो तो फ़ौलाद पिघलता है
फ़ौलाद के भी दिल में उल्फ़त की आग भर दूँ
अरे, मैं वो परवाना हूँ पत्थर को मोम कर दूँ
नफ़रत करने वालों के सीने में प्यार भर दूँ
शर्म-ओ-हया का परदा दुश्वार नहीं है
अजी, हल्का-सा एक परदा है, दीवार नहीं है
आँचल की ये दीवार तो दीवार नहीं है
आँचल की ये दीवार तो दीवार नहीं है
फिर आप के भी दिल में इनकार नहीं है
इनकार जिन लबों में इक़रार उनमें भर दूँ
अरे, मैं वो परवाना हूँ पत्थर को मोम कर दूँ
नफ़रत करने वालों के सीने में प्यार भर दूँ
हम वो हैं ज़िंदगी में कभी साथ ना छोड़ेगे
थामेंगे अगर हाथ तो फिर हाथ ना छोड़ेगे
हम हाथ ना छोड़ेंगे तूफ़ाँ से किनारों तक
हम हाथ ना छोड़ेंगे तूफ़ाँ से किनारों तक
हम साथ ना छोड़ेंगे धरती से सितारों तक
चाहत के सितारों से, धरती की मांग भर दूँ
अरे, मैं वो परवाना हूँ पत्थर को मोम कर दूँ
नफ़रत करने वालों के सीने में प्यार भर दूँ
अरे, मैं वो परवाना हूँ पत्थर को मोम कर दूँ
नफ़रत करने वालों के सीने में प्यार भर दूँ
Writer(s): Shyamlal Harlal Rai Indivar, Kalyanji Anandji Lyrics powered by www.musixmatch.com

