Saathi Na Koi Manzil Songtext
von Mohammed Rafi
Saathi Na Koi Manzil Songtext
साथी ना कोई मंज़िल
दिया है ना कोई महफ़िल
चला मुझे लेके, ऐ, दिल, अकेला कहाँ?
साथी ना कोई मंज़िल
दिया है ना कोई महफ़िल
चला मुझे लेके, ऐ, दिल, अकेला कहाँ?
साथी ना कोई मंज़िल...
हमदम कोई मिले कहीं ऐसे नसीब ही नहीं
बेदर्द है ज़मीं, दूर आसमाँ
हमदम कोई मिले कहीं ऐसे नसीब ही नहीं
बेदर्द है ज़मीं, दूर आसमाँ
साथी ना कोई मंज़िल
दिया है ना कोई महफ़िल
चला मुझे लेके, ऐ, दिल, अकेला कहाँ?
साथी ना कोई मंज़िल...
गलियाँ हैं अपने देस की, फिर भी हैं जैसे अजनबी
किस को कहे कोई अपना यहाँ
गलियाँ हैं अपने देस की, फिर भी हैं जैसे अजनबी
किस को कहे कोई अपना यहाँ
साथी ना कोई मंज़िल
दिया है ना कोई महफ़िल
चला मुझे लेके, ऐ, दिल, अकेला कहाँ?
साथी ना कोई मंज़िल...
पत्थर के आशना मिले, पत्थर के देवता मिले
शीशे का दिल लिए जाऊँ कहाँ?
पत्थर के आशना मिले, पत्थर के देवता मिले
शीशे का दिल लिए जाऊँ कहाँ?
साथी ना कोई मंज़िल
दिया है ना कोई महफ़िल
चला मुझे लेके, ऐ, दिल, अकेला कहाँ?
साथी ना कोई...
दिया है ना कोई महफ़िल
चला मुझे लेके, ऐ, दिल, अकेला कहाँ?
साथी ना कोई मंज़िल
दिया है ना कोई महफ़िल
चला मुझे लेके, ऐ, दिल, अकेला कहाँ?
साथी ना कोई मंज़िल...
हमदम कोई मिले कहीं ऐसे नसीब ही नहीं
बेदर्द है ज़मीं, दूर आसमाँ
हमदम कोई मिले कहीं ऐसे नसीब ही नहीं
बेदर्द है ज़मीं, दूर आसमाँ
साथी ना कोई मंज़िल
दिया है ना कोई महफ़िल
चला मुझे लेके, ऐ, दिल, अकेला कहाँ?
साथी ना कोई मंज़िल...
गलियाँ हैं अपने देस की, फिर भी हैं जैसे अजनबी
किस को कहे कोई अपना यहाँ
गलियाँ हैं अपने देस की, फिर भी हैं जैसे अजनबी
किस को कहे कोई अपना यहाँ
साथी ना कोई मंज़िल
दिया है ना कोई महफ़िल
चला मुझे लेके, ऐ, दिल, अकेला कहाँ?
साथी ना कोई मंज़िल...
पत्थर के आशना मिले, पत्थर के देवता मिले
शीशे का दिल लिए जाऊँ कहाँ?
पत्थर के आशना मिले, पत्थर के देवता मिले
शीशे का दिल लिए जाऊँ कहाँ?
साथी ना कोई मंज़िल
दिया है ना कोई महफ़िल
चला मुझे लेके, ऐ, दिल, अकेला कहाँ?
साथी ना कोई...
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, S.d. Burman Lyrics powered by www.musixmatch.com