Shab-E-Gham Mere Allah Songtext
von Jagjit Singh
Shab-E-Gham Mere Allah Songtext
शब-ए-ग़म, ऐ मेरे अल्लाह, बसर भी होगी
शब-ए-ग़म, ऐ मेरे अल्लाह...
रात ही रात रहेगी कि सहर भी होगी?
शब-ए-ग़म, ऐ मेरे अल्लाह...
मैं ये सुनता हूँ कि वो दुनिया की ख़बर रखते हैं
मैं ये सुनता हूँ कि वो दुनिया की ख़बर रखते हैं
मैं ये सुनता हूँ कि वो दुनिया की ख़बर रखते हैं
जो ये सच है तो उन्हें मेरी ख़बर भी होगी
शब-ए-ग़म, ऐ मेरे अल्लाह...
चैन मिलने से है, उनके ना जुदा रहने से
चैन मिलने से है, उनके ना जुदा रहने से
चैन मिलने से है, उनके ना जुदा रहने से
आख़िर है इश्क़, किसी तरह बसर भी होगी
शब-ए-ग़म, ऐ मेरे अल्लाह...
रात ही रात रहेगी कि सहर भी होगी?
शब-ए-ग़म, ऐ मेरे अल्लाह...
मेरे अल्लाह
मेरे अल्लाह
शब-ए-ग़म, ऐ मेरे अल्लाह...
रात ही रात रहेगी कि सहर भी होगी?
शब-ए-ग़म, ऐ मेरे अल्लाह...
मैं ये सुनता हूँ कि वो दुनिया की ख़बर रखते हैं
मैं ये सुनता हूँ कि वो दुनिया की ख़बर रखते हैं
मैं ये सुनता हूँ कि वो दुनिया की ख़बर रखते हैं
जो ये सच है तो उन्हें मेरी ख़बर भी होगी
शब-ए-ग़म, ऐ मेरे अल्लाह...
चैन मिलने से है, उनके ना जुदा रहने से
चैन मिलने से है, उनके ना जुदा रहने से
चैन मिलने से है, उनके ना जुदा रहने से
आख़िर है इश्क़, किसी तरह बसर भी होगी
शब-ए-ग़म, ऐ मेरे अल्लाह...
रात ही रात रहेगी कि सहर भी होगी?
शब-ए-ग़म, ऐ मेरे अल्लाह...
मेरे अल्लाह
मेरे अल्लाह
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